Freelancing kya hai: फ्रीलांसिंग के बारे में आपने कहीं ना कहीं पढ़ा और सुना तो जरूर ही होगा, फ्रीलांसिंग एक ऐसा तरीका है जिससे कम समय में ज्यादा पैसे कमाए जा सकते हैं | तो आज हम इसी के बारे में बात करने वाले हैं कि फ्रीलांसिंग क्या है, क्या काम करना होता है और आप भी फ्रीलांसर कैसे बन सकते हैं |
जानिए इस पोस्ट में क्या है ?
ऐसा व्यक्ति जिसके अंदर कोई स्किल है और वह अपनी स्किल का उपयोग किसी दूसरे व्यक्ति के लिए करता है और वह व्यक्ति उस काम के लिए उसको पैसे देता है इसी को फ्रीलांसिंग कहा जाता है | मान लीजिए आपके अंदर किसी काम को करने जैसे कि वेब डिजाइनिंग, पेंटिंग, इमेज एडिटिंग, कंटेंट राइटिंग, वीडियो एडिटिंग आदि को करने का स्किल है |
अब अगर किसी व्यक्ति को इनमें से कोई भी काम करवाना है तो वह आपसे संपर्क करेगा और उस काम की आपको कीमत देगा बस इसी को फ्रीलांसिंग का नाम दिया गया है | कोई भी व्यक्ति जो अपनी स्किल के आधार पर ऑनलाइन किसी दूसरे व्यक्ति को अपनी सेवाएं देता है और उस काम के बदले में चार्ज करता है तो उसे फ्रीलांसर कहा जाता है |
फ्रीलांसिंग कई प्रकार से की जा सकती है जैसे कि डिजिटल मार्केटिंग, ब्लॉगिंग, SEO, ग्राफिक डिजाइनिंग, वीडियो डिजाइनिंग, एनीमेशन आदि | अगर आप इस तरह के काम करने में माहिर है तो आप भी फ्रीलांसर बन सकते हैं | फ्रीलांसिंग के कुछ उदहारण इस प्रकार है –
Marketing and Advertising Graphic Design: किसी भी प्रोडक्ट की मार्केटिंग ग्राफिक्स के ऊपर निर्भर करती है, किसी भी प्रोडक्ट की अगर मार्केटिंग या प्रमोशन की जाती है तो वह ग्राफिक डिजाइनिंग के अंतर्गत ही आती है जैसे की बैनर, होर्डिंग, थंबनेल आदि यह सब ग्राफिक डिजाइनिंग का ही हिस्सा है |
पैकेजिंग ग्राफिक डिजाइन: किसी भी प्रोडक्ट का जो बाहर का पैकेज होता है उस पर जो डिजाइनिंग की जाती है उसे पैकेजिंग ग्राफिक डिजाइन कहा जाता है | पैकिंग डिजाइनर का काम यह होता है कि किसी प्रोडक्ट के बाहरी पैकेज को कैसे आकर्षित बनाया जाए ताकि वह प्रोडक्ट जब लोगों तक पहुंचे तो लोग उससे आकर्षित हो सके |
SEO (Search Engine Optimisation): किसी भी वेबसाइट की रैंकिंग को इंक्रीज करना या उसे गूगल के फर्स्ट पेज पर रैंक करना सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन कहलाता है |
SMO (Social Media Optimization): किसी ब्रांड या प्रोडक्ट की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे की फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, स्नैपचैटआदि पर मार्केटिंग करना और प्रमोशन करना सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन कहलाता है |
Content Writing: ब्लॉग, आर्टिकल्स, प्रोडक्ट का डिस्क्रिप्शन आदि कंटेंट राइटिंग कहलाता है |
Technical Writing: किसी भी प्रोडक्ट के लिए गाइड्स, इंस्ट्रक्शन, डॉक्यूमेंटेशन आदि को यूजर फ्रेंडली रूप में लिखना टेक्निकल राइटिंग कहलाता है |
FrontEnd: फ्रंट एंड किसी एप्लीकेशन या वेबसाइट का वह पार्ट होता है जो यूजर के साथ इंटरेक्ट करता है मान लीजिए जब हमकिसी वेबसाइट पर जाते हैंतो वहां हमें जो भी कंटेंट इमेज के बटन दिखाई देते हैं वह वेबसाइट का फ्रंट एंड पार्ट कहलाता है |
BackEnd: बैक एंड किसी एप्लीकेशन का वह पार्ट होता है जहां पर उसका सारा डेटा और लॉजिक इकट्ठा होता है |
इनके अलावा फ्रीलांसिंग के और भी कई प्रकार हैं हमने यहां ऊपर आपको कुछ उदाहरण बताए हैं |
- कमाई अच्छी होती है |
- किसी भी प्रकार का कोई ऑफिस नहीं खोलना होता है |
- किसी भी लोकेशन पर रहकर काम कर सकते हैं |
- जब आपका मन करे काम से ब्रेक ले सकते है |
- आप अपने हिसाब से काम का चुनाव कर सकते है |
- आप अपना बॉस खुद होते है |
- कई तरह की इनकम के स्रोत बन सकते हैं |
- काम करने के लिए कोई फिक्स समय नहीं होता है जब आपका मन करे तब काम कर सकते हैं |
- इंटरनेशनल क्लाइंट्स के साथ काम करने का मौका मिलता है |
- अगर आपके पास आज कोई काम है तो इस चीज की कोई गारंटी नहीं है कि आपको काम कल भी मिलेगा |
- समय का कोई शेड्यूल नहीं होता 24*7 जब भी क्लाइंट आपको बोलेगा तब आपको काम करना पड़ेगा |
- काम करने के लिए ऑफिस जैसा एनवायरमेंट नहीं मिलता है |
- कुछ लोग घर पर रहकर डिसिप्लिन में काम नहीं कर पाते हैं |
- Article Writer
- E-Book writer
- Web Content writer
- Ghost Writer
- Logo Designer
- Photoshop Editor
- Graphic/Poster Designer
- Digital Artist
- Front-End designer
- Back-End Developer
- UX / UI Designer
- WordPress Expert
- SEO Consultant
- Fitness Advisor
- HR Consultant
- Public Relations Consultant
- Technical Consultant
- Voice Over Artist
- Audio Editor
- Data Entry
- Marketing Strategist
- Social Media Manager
- Live Chat Agent
- Customer Support Representative
- Online Advertising Expert
- Social Media Editor
- Branding Service
- And Many Others
आज की इस डिजिटल दुनिया में भारत दूसरा बड़ा फ्रीलांसिंग मार्किट प्लेस बन चूका है | स्टूडेंट, नौकरीपेशा लोग और यहां तक की रिटायर्ड लोग भी अतिरिक्त इनकम के लिए काम ढूंढ कर पैसा कमाना चाहते हैं |
सबसे पहले अपनी स्किल को पहचानना है कि आप क्या काम कर सकते हैं जैसे की वीडियो एडिटिंग, ग्राफिक डिजाइनर, वेब डेवलपमेंट, या और कोई ऐसा काम जिसमें आपका इंटरेस्ट हो, अगर आपको फिर भी समझ में नहीं आ रहा तो कोई ऐसा काम पकड़ लो जिसकी मार्केट में इस समय बहुत ज्यादा डिमांड चल रही हो |
अब जो भी काम आपने चुना है अगर वह आपको अच्छे से आता है तो ठीक है नहीं तो आप उस काम को सीख भी सकते हैं | फ्री में काम सीखने के लिए यूट्यूब एक अच्छा तरीका है | इसके अलावा बहुत सारी ऐसी साइट उपलब्ध है जो फ्री में कोर्स करवाती है |
अब जिस भी काम के लिए आप सर्विस दे सकते है उस काम का सैंपल पोर्टफोलियो बना लेना है | मान लीजिए आप राइटिंग से रिलेटेड काम करना चाहते हैं तो क्रिएटिव टॉपिक पर लिख सकते हैं, आर्टिकल बना सकते हैं, ब्लॉक बना सकते हैं, यूट्यूब के लिए स्क्रिप्ट लिख सकते हैं | आप अलग-अलग तरह के सैंपल बना सकते हैं | अगर आप चाहे तो हाई क्वालिटी पोर्टफोलियो की वेबसाइट भी बना सकते हैं या आपके द्वारा तैयार की गई सभी सैंपल फाइल्स को गूगल ड्राइव में अपलोड करके उसका लिंक भी बना सकते हैं |
सब काम करने के बाद अब आप LinkedIn, Upwork, Fiverr, Freelancer, PeoplePerHour जैसी और भी कई अन्य वेबसाइट के साथ जुड़ कर फ्रीलांसिंग कर सकते है |
जैसे जैसे आप क्लाइंट के साथ जुड़ेंगे आपकी स्किल भी improve होती जाएगी और आप प्रोफेशनल बन सकते है और अच्छी कमाई कर सकते है |
फ्रीलांसिंग एक ऐसा बिजनेस है जो आपको कहीं से भी काम करने की अनुमति देता है | यहां आप अपने बॉस स्वयं होते हैं | साथ ही आपको कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, परन्तु पूरी लगन और कड़ी मेहनत के साथ आप फ्रीलांसिंग में एक अच्छा करियर बना सकते हैं |